लेखनी पटल पर हिंदी के कई सर्वश्रेष्ठ लेखक/कवि मौजूद है।
हिंदी लेखनी
मुझे बचपन से ही पढने का बहुत शौक था।इतना ज्यादा कि कोर्स की किताबो के साथ साथ घर मे मिलने वाले उपन्यास, कॉमिक्स, मैग्जीन बाल पत्रिकाये सभी कुछ पढ डालती थी।मुझे आज भी याद है जब मै फोर्थ क्लास मे थी तब मैने राहुल सांस्कृत्यायन जी की एक रचना पढी थी घुमक्क्ड़ जिग्यासा नाम से।हालांकि वह बाल कहानी थी लेकिन उसमे छोटे छोटे कीट जीव को आधार बना कर उनकी घूमने की इछा का बहुत सुंदर तरीके से वर्णन किया गया था।फिर समय आया बाल पत्रिकाओ को पढने का।उस समय नंदन, नन्हे सम्राट बालहंस जैसी पत्रिकायें कहानियो मे ही बहुत सी प्रेरक बाते सिखा जाती थीं।खैर बचपन की बाल कथाओ से उपर उठ कर धीरे धीरे कहानियो के साथ उपन्यास की ओर मुड़ गये।डिजिटलीकरण के इस दौर मे मै भी किताबो से निकल कर ऑनलाइन रीडिंग यूथ का हिस्सा बन गयी।या कह सकते हैं व्यस्तता के कारण किताबो से नाता छूट गया, लेकिन पढने का लोभ नही छोड़ पाई।परिणाम मे हिंदी लेखन वेबसाइट को तलाशा, उनकी रचनाये खंगाली।कुछ रुचिपूर्वक पूरी पढ डाली तो कई अरुचि के कारण अधूरी ही छोड़ दी।कई कई बार तो रचनाओ मे समानता दिखने के कारन दोबारा प्लेट्फॉर्म पर जाने का मन भी नही हुआ।लेकिन पढना तो था ही तलाश जारी रही और एक सोशल मीडिया प्लेट्फॉर्म इस्तेमाल करने के दौरान नजर पड़ी lekhny.com इस नाम पर..!यहाँ लेखन से सम्बंधित कुछ और शब्द लिखे नजर आ रहे थे।ख्याल आया एक बार विजिट कर लेना चाहिये।घूमते हुए पहुंच गयी मै इस हिंदी लेखन वेबसाइट पर।यहाँ कई कैटेगिरि थी जिनमे कई लेखको की रचनाये थीं।यहाँ सबसे पहली कहानी पढी थी ‘पहल’ जिसे लिखा था ‘शबा’ जी ने। रिश्तो मे आयी तकरार के तानो बानो को लेकर बुनी इस कहानी ने लेखिका की अन्य रचनाओ को पढने के लिये प्रेरित किया।एक एक कर इनकी कई छोटी बड़ी रचनाये पढी मसलन राज, ये तेरा घर ये मेरा घर, बिन ब्याही मां, बागी, मुकम्मल इश्क आदि एक से बढकर एक रचनाये थीं।
इन्हे पढकर इतना तो समझ मे आ गया इस हिंदी लेखन वेबसाइट पर लेखन मे विविधता देखने को मिलेगी।इसी क्रम मे मैंने संतोष भट्ट जी की रचना पढी “लौट जा”। एक शहरी युवा के रोजगार की तलाश मे किये संघर्ष की झलक दिखलाती यह कहानी वाकई मन को छू गयी।लेखक की अन्य रचना पर नजर डाली तो यहाँ भी विविधता ही देखने को मिली।सस्पेंस-मर्डर, हास्य, के साथ एक्शन का संगम इनकी रचनाओ मे देखने को मिला।हां छुट पुट गलतियां दिखी लेकिन लेखक की काल्पनिकता और शैली इतना बांध कर रखती कि वह गलतियां नजर ही न आती। “कौन है वो” सस्पेंस थ्रिलर के साथ मर्डर मिस्ट्री सॉल्व करता ये लघु उपन्यास पहले भाग से लेकर अंतिम भाग तक एक ही सवाल मन मे छोड़ता आखिर कौन है वो..!लेखक की अन्य रचनाये साजिश, खिड़की और वो, मर्डर – एक प्रेम कहानी, सभी बांधे रखने वाली रचनाये हैं।
लेखनी हिंदी वेबसाइट पर दो लेखको को पढने के बाद ये समझ आ गया कि लेखनी हिंदी वेबसाइट पर हिंदी के अच्छे लेखक लेखन कार्य कर रहे हैं। ‘मनोज कुमार एम जे’ जी की रचना विस्तार सीक्रेट ऑफ डार्कनेस पढने के बाद मन मे एड्वेंचर पढने का शौक बढा।जिसके चलते कई अच्छे लेखको की रचनाये पढी।अमन एजे की आई नोट, आंचल राठौर जी की एक खौफनाक एहसास, मनीष पांडे जी की ’द बीच हाउस’ इतने सधे और रोचक अंदाज मे लिखी गयी है पढते समय बोरियत महसूस नही होती।
उपन्यास से इतर जब छोटी कहानियो को तलाशा तो महावीर उत्तरांचली जी की रचना “मां:फातिमा एक अनाथ बच्ची” कहानी के लिये शब्द ही नही मिले मै क्या लिखूं इसकी समीक्षा मे।सिमरन अंसारी, कावेरी जी दिवाकर जी आदि की रचनाओ मे हर बार कुछ नयापन मिलता है।लेखक तो बहुत है यहाँ जो छोटे छोटे सामजिक विषयो को उठाकर उन्हे शब्दो से सजाने का कार्य बखूबी कर रहे हैं।
जिस कारण मेरे हालात ये है दिन मे जरा सा भी समय मिलता तो जाकर वेबसाइट पर खंगाल लेती हूं कुछ नयी रचनाओ के लिये।
ऐसा नही है कि सिर्फ कहानियो मे ही इस हिंदी लेखनी वेबसाइट पर अच्छे लेखक मौजूद है यहाँ, नही हिंदी मे कहानियो के जितने अच्छे लेखक है यहाँ उतने ही अच्छे लेखक कविताओ मे भी मौजूद हैं।कावेरी लिली जी को मैंने पढा उनकी रचनाओ मे ठहराव के साथ साथ एक रस है जो मन को अनंदित कर देता है।संगीता शर्मा जी, भारत सिह जी, रवि गोयल जी, रेनू सिन्ह जी, जैसे कई और अच्छे कवि यहाँ इस वेबसाइट पर मौजूद है जिनकी कविताये मन को हर रस मे डुबो अनंदित करती है।
लेखनी वेबसाइट पर हिंदी साहित्य के कुछ अनुभवी तो कुछ उभरते हुए कई लेखको को मैने पढा अंत मे मै मेरे शब्दो मे यही कह रही हूं लेखनी पटल पर हिंदी के कई सर्वश्रेष्ठ लेखक/कवि मौजूद है।जिनकी रचनाये पाठक को एक अलग दुनिया मे ले जाने का माद्दा रखती है।
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